Author : Dr. Kamal Kishor Dube
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 132Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 250
Selling Price
(Free delivery)
‘मन उपवन सुरभित हो जाए’ डॉ. कमल किशोर दुबे का एक सुगंधित मुक्तक–संग्रह है, जिसमें जीवन के विविध अनुभवों, संवेदनाओं और भावनाओं को संक्षिप्त किंतु सशक्त पंक्तियों में पिरोया गया है। इन मुक्तकों में प्रेम, करुणा, समाज, राष्ट्र, अध्यात्म और मानवीय मूल्यों की गहरी छाप देखने को मिलती है। प्रत्येक पंक्ति पाठक के मन–उपवन को स्पर्श कर उसे सुरभित कर देती है। डॉ. दुबे की लेखनी की विशेषता है — सरल भाषा, भावनाओं की गहराई और विचारों की स्पष्टता। उनका यह संग्रह न केवल काव्य–रस का आनंद देता है, बल्कि आत्मचिंतन और प्रेरणा का स्रोत भी बनता है। ‘मन उपवन सुरभित हो जाए’ साहित्य–प्रेमियों के लिए एक ऐसा मुक्तक–संग्रह है जो हृदय को छू जाता है और लंबे समय तक अपनी सुगंध छोड़ जाता है।
BOOK DETAILS
| Publisher | Uttkarsh Prakashan |
| ISBN-10 | 978-93-49808-72-0 |
| Number of Pages | 132 |
| Publication Year | 2025 |
| Language | Hindi |
| ISBN-13 | 978-93-49808-72-0 |
| Binding | Paperback |
© Copyrights 2013-2025. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan