Author : Dr. V.m. Bechain
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 120Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 250
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भिवानी (हरियाणा) निवासी प्रसिद्द कवि एवं रंगकर्मी डॉ. वी.एम.बेचैन द्वारा लिखित "हरियाणवी बोली में भाषा बनने की संभावनाएँ " एक अद्भुत पुस्तक है जिसमें उन्होंने अपने आलेखों के माध्यम से हरियाणवी बोली के महत्त्व को दर्शाया है और उसे भाषा बनाने पर बल दिया है ....इससे पूर्व लेखक की दो पुस्तकें "म्हारी गीता म्हारा ज्ञान" (श्रीमद भगवद्रगीता का हरियाणवी भाषा में अनुवाद) और "औरत एक ब्रह्मास्त्र" (उपन्यास) उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा पूर्व में प्रकाशित हो चुकी हैं ...वैसे लेखक की कुल 13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ...लेखक हरियाणा के बहुत सम्मानित व्यक्तित्व के स्वामी और लेखनी के धनी हैं..अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से सम्मानित विद्वान कवि, लेखक और रंगकर्मी हैं ....यह पुस्तक भाषाई संघर्ष पर किये गए लेखक के शोध पर आधारित एक दुर्लभ पुस्तक है जिसका उद्देश्य हरियाणवी बोली को भाषा का सम्मानित दर्जा दिलाने हेतु प्रयास करना है...लेखक ने गहन विचार मंथन और बारीकी से शोध करने के उपरांत ही इसे पुस्तक का आकार दिया है ताकि आम जन को भी हरियाणवी बोली के प्रभाव से अवगत कराया जा सके.....
BOOK DETAILS
| Publisher | Uttkarsh Prakashan |
| ISBN-10 | 978-93-49808-16-4 |
| Number of Pages | 120 |
| Publication Year | 2025 |
| Language | Hindi |
| ISBN-13 | 978-93-49808-16-4 |
| Binding | Paperback |
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